पंडित योगेश व्यास जी का परिवार 50 वर्षों से उज्जैन में रहता है।पीढ़ियोंसे यह परिवार पूजा की सेवा प्रदान करते आया है. व्यास परिवार प्राचीन काल से उज्जैन में किए गए हिंदू आध्यात्मिक प्रथाओं के सभी प्रकारों में रहा है। दुनिया भर
कुंडली में मंगल जब लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश स्थान में होता है तब मंगल दोष माना जाता है. अगर मंगल लग्न और अष्टम स्थानमें हो तो ज्यादा गंभीर होता है. मंगल क्रूर ग्रह होने की वजह से, विवाह
उज्जैन में सिद्धवट में पितृदोष पूजा करने से सभी दोषो का निवारण हो जाता है.अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद विधि से अंतिम संस्कार न किया जाए तो पितृदोष होता है, या फिर किसी की अकाल मृत्यु हो जाए
राहु केतु अंतराले सर्वे ग्रहा:नभस्थिता। कालसर्प योगाख्येन सर्वे सौख्य विनाशक ।। इस श्लोक के अनुसार जिस जातक की कुंण्डली मे कालसर्प योग है उसके सर्व सुखों का विनाश होता है। जीवन सुखमय बनाने के लिए कालसर्प योग का निवारण